۴ آذر ۱۴۰۳ |۲۲ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 24, 2024
जूलूस ए अलम

हौज़ा / ख़ूने शोहदा के वारिस होने के नाते असीरान ए कर्बला ने हज़रत इमाम सज्जाद के संरक्षण में जिस भूमिका को निभाया है उसने जबरी खिलाफत की नींव को हमेशा के लिए हिला कर रख दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू-कश्मीर अंजुमन-ए-शरिया शियाओं ने तल्जो बांदीपोरा में एक प्राचीन मजलिस-ए-हुसैनी का आयोजन किया। मजलिस ए अज़ा में हजारों अजादार शामिल हुए। संगठन से संबंधित जाकेरीन ने मरसिया ख्वानी की दोपहर की नमाज हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आगा सैयद मुजतबा अब्बास अल मूसवी ने इमामत की। उसके बाद परंपरागत तरीके से आगा सैयद मुजतबा मूसवी के मार्गदर्शन मे प्राचीन जूलूस ए अलम बरआमद हुआ जो आसताने शरीफ मे दानियाल मे इखत्ताम हुआ। 

मजलिस-ए-हुसैनी को संबोधित करते हुए आगा मुजतबा ने असीरान ए कर्बला की भूमिका और कार्यों के बारे में विस्तार से बताया और कर्बला की लड़ाई के बाद यज़ीदी दरबार तक कर्बला के बंदियों के साथ हुई दिल दहला देने वाली घटनाओं का वर्णन किया।

उन्होंने कहा कि इमाम सज्जाद के संरक्षण में कर्बला के बंदियों द्वारा शहीदों के खून के उत्तराधिकारी के रूप में निभाई गई भूमिका ने जबरी खिलाफत की नींव को हमेशा के लिए हिला दिया। 

टैग्स

कमेंट

You are replying to: .